[Chorus]
पूछूँगी एक दिन पिछले पहर में
सोए हुए चाँद-तारों से
तुम्हीं बताओ क्यूँ कर ख़फ़ा है
निंदिया भी क़िस्मत के मारों से?
[Verse 1]
कब तक गुजारें रो-रो के दिन हम?
आँखों ही आँखों में रातें
कब तक गुजारें रो-रो के दिन हम?
आँखों ही आँखों में रातें
तुम भी सितारों सो जाते हो
फिर किस से करें जी की बातें?
रखो ना दिल में, कह भी दो, तुमको
शिकवा है क्या बे-सहारों से?
[Chorus]
पूछूँगी एक दिन पिछले पहर में
सोए हुए चाँद-तारों से
तुम्हीं बताओ क्यूँ कर ख़फ़ा है
निंदिया भी क़िस्मत के मारों से?
[Verse 2]
इतना बता दो कब रंग लाएगी
मज़लुम की बेज़ुबानी?
इतना बता दो कब रंग लाएगी
मज़लुम की बेज़ुबानी?
लिखते रहेंगे कब तक भला हम
अश्क़ों से अपनी कहानी?
बदलेगा किस दिन मौसम ख़िज़ाँ का?
खेलेंगे कब हम बहारों से?
[Chorus]
पूछूँगी एक दिन पिछले पहर में
सोए हुए चाँद-तारों से
तुम्हीं बताओ क्यूँ कर खफ़ा है
निंदिया भी क़िस्मत के मारों से?
Poochhoongi Ek Din was written by Rajinder Krishan.
Poochhoongi Ek Din was produced by Chitragupta.
Lata Mangeshkar released Poochhoongi Ek Din on Thu Jan 01 1959.