उसकी महफ़िल में जाके देख लिया
अपना सबकुछ लुटा के देख लिया
लाख समझाया पर ना समझेगा
दिल को फ़िर आज़मा के देख लिया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
शेरों में उसके हुस्न को क्या-क्या कहा गया
शेरों में उसके हुस्न को क्या-क्या कहा गया
बादल को ज़ुल्फ़, फूल को चेहरा कहा गया
बादल को ज़ुल्फ़, फूल को चेहरा कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
सोचो तो ये भी एक क़फ़स ही तो है जिसे
सोचो तो ये भी एक क़फ़स ही तो है जिसे
तहज़ीब की ज़ुबान में कमरा कहा गया
तहज़ीब की ज़ुबान में कमरा कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
इक बात अख़्तियार से बाहर जो थी उसे
इक बात अख़्तियार से बाहर जो थी उसे
किस ख़ूबसूरती से तमन्ना कहा गया
किस ख़ूबसूरती से तमन्ना कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
हैरत है उनकी बज़्म-ए-मोहब्बत में कल ज़फ़र
हैरत है उनकी बज़्म-ए-मोहब्बत में कल ज़फ़र
मुझसे गुनहगार को अपना कहा गया
मुझसे गुनहगार को अपना कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
"पत्थर" कहा गया कभी "शीशा" कहा गया
Patthar Kaha Gaya was written by Zafar Gorakhpuri.
Patthar Kaha Gaya was produced by Pankaj Udhas.
Pankaj Udhas released Patthar Kaha Gaya on Tue Jan 01 1985.