ये हसीं रुत ये हवा
कह रही है दिल रुबा
ज़िन्दगी से प्यार कर
इस जहाँ को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
कह रही है दिल रुबा
ज़िन्दगी से प्यार कर
इस जहाँ को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
बनके आई है यहाँ
ये बहरे हम सफर
लौट के आता नहीं
चल दिया मौसम अगर
कितन प्यारा है समां
तू फिजा को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
कह रही है दिल रुबा
ज़िन्दगी से प्यार कर
इस जहाँ को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
जब से देखा है तुझे
हम तो तेरे हो गए
नींद आँखों में नहीं
खवाब में खो गए
दिल से दिल की बात कर
इस जहाँ को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
कह रही है दिल रुबा
ज़िन्दगी से प्यार कर
इस जहाँ को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
आओ हम तुम राह में
लिख दे दिल की दास्ताँ
आने वालों के लिए
छोड़ दे कोई नीसाण
साथ है मंज़िल तेरे
करवा को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
कह रही है दिल रुबा
ज़िन्दगी से प्यार कर
इस जहाँ को भूल जा
ये हसीं रुत ये हवा
Ye Hasin Rut Ye Hawa was written by Anjum Jaipuri.