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Sahi Ek Kadam by Sharvi Yadav

Performed by
Sharvi Yadav

Sahi Ek Kadam Lyrics

अँधेरा है देखा
पर ऐसा नहीं
ऐसा सख़्त
ऐसा सर्द
ऐसा दर्द
ख़त्म हुई कहनी
लौ बुझ गयी
ले अंधेरे
मैं आख़िर हो गयी सर्द
हम दोनों का ये साथ
क्यूँ टूट गया
हाथ से ये हाथ ये है छूटा क्यूँ
ये ग़म
मेरा दम भी घुट रहा है
पर दिल मेरा
कहता है सुन ले तू
खो गयी है डगर
चलते जा तू मगर
बस उठा सही एक क़दम

दिन कहाँ गया
बस रात है
रात क्या दिन है क्या
क्या कहूँ
तू ही तो था किनारा
अब कौन है
तेरे बिना बता
मैं क्या करूँ

कटे कैसे सफ़र
संग ना जो हमसफ़र
है उठाना सही एक क़दम
तू क़दम से ज़रा
एक क़दम तो मिला
तू उठा सही एक क़दम

डगमगाए रास्ता
गिर न जाना तू कहीं
बाँध के बस हैसला
उठा क़दम बढ़ा क़दम
बस अब रुकना नहीं

चलते जा तू वहाँ
रोशनी दिखे जहाँ
और उठा सही एक क़दम
मिल भी जाए मंज़िल अगर
क्या मिल गया जो खो गया
वो मेरा आसमां मेरा घर

फिर भी चलते जा
आगे बढ़ते जा
और तू उठा
क़दम एक सही

Sahi Ek Kadam Q&A

Who wrote Sahi Ek Kadam's ?

Sahi Ek Kadam was written by Kausar Munir.

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