खान पान लड्डू जलपान में जलेबी
ये लगन अनोखा
खाने में लाओ ए जी ए जी
बर्फी गुलाब जामुन पेठा मलाई खाओ
खाओ खीर मुंग हल्वा
मीठी डकार पाओ पाओ
ये जो धुप की आग है बाण है तो
वो मधुमास का चाँद है
ये तलवार के फूल की जान है तो
वो झांकर सी तान है
सबको भुला के आज जाओ जी जाओ
इनपे लगे न कोई हाय बुरे मन की
संग में जो देख लो तो
एक लगे शंकर है
संग में जो देख लो तो एक पारवती
मनवा गा रहा जा रहा
जैसे भीगे भीगे
भोलेपन में भोलेपन में
होगी ये कथा होगी ये कथा
होगी जैसे सभी ने सपने
गरम है कदहि और
दूर हाथ सेक सेक
आम उठा लो बंधू
गुठली को दूर फेको फेको
मस्त राम हम है
अब कोई न सम्भालो
छोडो छोडो जी सुरहि
मटके में मुंह को दलो दलो
सोने की थाली से हो
चंडी की पिटारी से हो
हीरे के मोती की छोटी
अंघूटी से जग से प्यारे हो
संग में गुलाब हो तो वो शरमा जाये
जब जब आग हो तो वो घभ्रा जाये
सुर में जो आग हो तो
बूढी में थोड़ी सी उड़ा लो भांग
हाय रे हाय जी में जी आ जाये
रंग तरंग छाये
अरे रंग में मगन थे
अंग अंग क्या करे
तुम्हरे सान्ग क्या करे
ये उमंग क्या करे
चोरे अब तो नगाडा जम के बाजा
मौजे उमड़ घुमड़ उमड़ घुमड़
मनवा गा रहा जा रहा
कैसे भीगे भीगे
भोलेपन में भोलेपन में
होगी ये कथा होगी ये कथा
होगी जैसे सभी ने सपने
आया देखो वीर देखो
सोने का हर लय आया हो
वीर है जवान है
ये है तो शक्ति मान है
Kabhi Na Dekhe Hastinapur Mein was written by Piyush Mishra.