समय तो चलता आगे
के कौवा मोती चबे
के हंस अकेला भागे क्यों भला
जो भी थे तिलक के धरी
आज वो चले है भरी
पाव को बढ़ा क्या हुआ है
समय तो चलता आगे
के कौवा मोती चबे
के हंस अकेला भागे क्यों भला
आँख में तो आग भरी है
ऐसा कुछ हुआ है
कर सके मगर कुछ नहीं
ये जो वचन दिया है
हाय रे हाय रे
छोड़ा रे छोडा रे
क्या इसे करम बोले या
ृत या गरम बोले या
बोले क्या भला क्या भला
समय तो चलता आगे
के कौवा मोती चबे
के हंस अकेला भागे क्यों भला
जो भी थे नरक के भागी
स्वर्ग वो चले है
वो तो बोले कलयुग है
जी हम तो चुप खड़े है
हाय रे हाय रे
छोड़ा रे छोडा रे
जाने कैसी साज हुई है
लाज़ हाय हज़ हुई है
देख तो भला क्यों भला
अरे क्या भूल हुई है
सरम सब धुल हुई है
भरम सब गौर से पूछे
तो बता क्या इसे करम बोले
या रेट या गरम बोले या
बोले क्या भला क्या भला
समय तो चलता आगे
के कौवा मोती चबे
के हंस अकेला भागे क्यों भला
Samay was written by Piyush Mishra.