Vijayi Bhava Lyrics

तिनका तिनका था हमने सँवारा
अपनी वो माटी और घर-बारा
लुट रहा ये चमन, अपना वतन
आँखों से अपनी
लूट रहा ये चमन, अपना वतन
आँखों से अपनी
संकल्प बोल के, हम तो निकल पड़े
हर द्वार खोल के, गगन कहे
विजयी भवः
विजयी भवः
गगन कहे विजयी भवः

अब लपट लपट का तार बने
और अग्नि सितार बने
अब चले आँधियाँ सनन-सनन
गूँजे जयकार बने
हर नैन-नैन में ज्वाला हो
हर हृदय-हृदय में भाला हो
हर कदम-कदम में
सेना की सच्ची ललकार बने
अब भटक- भटक अंगारों को
उड़ता चिंगार बने
है रात की सुरंग
भटकी है रौशनी
है छटपटा रही, रौशनी
गगन कहे विजयी भवः

सौंधी सौंधी मिट्टी
बारूदी हो गयी बावरे
ओ, भोली सी तेरी बाँसुरी खो गयी सांवरे
घायल है तेरा जल, तू नदी है राह बदल
पानी बुलबुला रहा है कल-कल-कल
तू निकल, तू निकल
माटी ने तेरी आज पुकारा
धरती ये पूछे बारम्बारा
लुट रहा ये चमन, तेरा वतन
आँखों से अपनी
लुट रहा ये चमन, तेरा वतन
आँखों से अपनी
संकल्प बोल के...

Vijayi Bhava Q&A

Who wrote Vijayi Bhava's ?

Vijayi Bhava was written by Prasoon Joshi.

Who produced Vijayi Bhava's ?

Vijayi Bhava was produced by Shankar Ehsaan Loy.

When did Shankar Mahadevan release Vijayi Bhava?

Shankar Mahadevan released Vijayi Bhava on Mon Apr 22 2019.

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