उठ सजनि ुठ सजनी
खोल किवाड़ें
तेरे साजन आये द्वारे
उठ सजनि खोल किवाड़ें
तेरे साजन आये द्वारे
मेरी अँखियाँ
मेरी अँखियाँ नींद की मारी
कोई काहे मुझको पुकारे
मेरी अँखियाँ नींद की मारी
कोई काहे मुझको पुकारे
कोई काहे मुझको पुकारे
तेरे साजन आये द्वारे
नहीं साजन कोई हमारे
तेरे साजन आये द्वारे
कोई काहे मुझको पुकारे
कोई काहे मुझको पुकारे
हम रूठ के सजनि जाते
जाओ न किसे डराते
हाहाहाहा
हम दिल की करते तेरी
हम दिल की करते तेरी
बस आजा पास हमारे
हम दिल की करते तेरे
बस आजा पास हमारे
उठ सजनि
उठ सजनि खोल किवाड़ें
तेरे साजन आये द्वारे
उठ सजनि ुठ सजनी
Uthh Sajini was written by Safdar Aah.