सीने में सुलगते हैं अरमाँ
आँखों में उदासी छाई है
ये आज तेरी दुनिया से हमें
तक़दीर कहाँ ले आई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
कुछ आँख में आँसू बाक़ी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं
अब दिल है ना दिल के अरमाँ हैं
अब दिल है ना दिल के अरमाँ हैं
बस मैं हूँ, मेरी तन्हाई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
ना तुझसे गिला कोई हमको
ना कोई शिकायत दुनिया से
दो-चार क़दम जब मंज़िल थी
दो-चार क़दम जब मंज़िल थी
क़िस्मत ने ठोकर खाई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
एक ऐसी आग लगी मन में
जीने भी ना दे, मरने भी ना दे
चुप हूँ तो कलेजा जलता है
चुप हूँ तो कलेजा जलता है
बोलूँ तो तेरी रुसवाई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
Seene Mein Sulagte Hai Armaan was written by Prem Dhawan.
Seene Mein Sulagte Hai Armaan was produced by Anil Biswas.
Lata Mangeshkar & Talat Mahmood released Seene Mein Sulagte Hai Armaan on Sat Dec 01 1951.