मंज़िल सामने आ, तू भी देख ज़रा
ग़म के तराने, खुशी के बहाने लिए मैं जी रहा
तू सामने आ, तू आजा ना, तू आजा ना, तू आजा ना
तू सामने आ, तू आजा ना, तू आजा ना
मंज़िल, yeah
मंज़िल, yeah, yeah
वो हमदम, हमसफ़र वो
हमनशीं फ़िर ना मिला
तन्हा रह गया दिल
राहों का वो ही सिलसिला
के बेचैन हर पल है ये मेरा
बेखबर है तू कहाँ?
मंज़िल सामने आ, तू भी देख ज़रा
ख़्वाबों की डोर ये टूटे ना अब कभी
साथ तेरा ये छूटे ना कभी
ख़्वाबों की डोर ये टूटे ना अब कभी
साथ तेरा ये छूटे ना कभी
कौन है अपना? कौन है पराया यहाँ?
कौन है अपना? कौन है पराया यहाँ?
ढूँढे तुझको नज़र
बेखबर है तू कहाँ?
मंज़िल सामने आ, तू भी देख ज़रा
मंज़िल, yeah
मंज़िल, yeah, yeah
Manzil was written by The Local Train.
Manzil was produced by The Local Train.
The Local Train released Manzil on Fri Sep 25 2015.
Click here