[Intro]
ख़ुद की ख़ातिर ना ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
ख़ुद की ख़ातिर ना ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
क़र्ज़ मिट्टी का चुकाने के लिए ज़िंदा हूँ
ख़ुद की ख़ातिर ना ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
[Verse 1]
किसको फ़ुर्सत, जो मेरे ज़ख़्म गिने, बात सुने
किसको फ़ुर्सत, जो मेरे ज़ख़्म गिने, बात सुने
ख़ाक हूँ, ख़ाक उड़ाने के लिए ज़िंदा हूँ
[Chorus]
क़र्ज़ मिट्टी का चुकाने के लिए ज़िंदा हूँ
ख़ुद की ख़ातिर ना ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
[Verse 2]
रूह आवारा ना भटके ये किसी की ख़ातिर
रूह आवारा ना भटके ये किसी की ख़ातिर
सारे रिश्तों को भुलाने के लिए ज़िंदा हूँ
[Chorus]
क़र्ज़ मिट्टी का चुकाने के लिए ज़िंदा हूँ
ख़ुद की ख़ातिर ना ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
[Verse 3]
लोग जीने के ग़रज़-मंद बहुत हैं, लेकिन
लोग जीने के ग़रज़-मंद बहुत हैं, लेकिन
मैं मसीहा को बचाने के लिए ज़िंदा हूँ
मैं मसीहा को बचाने के लिए ज़िंदा हूँ
[Chorus]
क़र्ज़ मिट्टी का चुकाने के लिए ज़िंदा हूँ
ख़ुद की ख़ातिर ना ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ
Khud Ki Khatir Na Zamane Ke Liye was written by .
Pankaj Udhas released Khud Ki Khatir Na Zamane Ke Liye on Thu Jan 01 1981.