[Intro]
दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से
[Verse 1]
दुनिया भर की यादें हमसे मिलने आती हैं
दुनिया भर की यादें हमसे मिलने आती हैं
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है
[Chorus]
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से
[Verse 2]
कितने दिनों के प्यासे होंगे यारों सोचो तोह
कितने दिनों के प्यासे होंगे यारों सोचो तोह
शभनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है
शभनम का कतरा भी जिनको रिया लगता है
[Chorus]
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से
[Verse 3]
किसको कैसर पत्थर मरू कौन पराया है
किसको कैसर पत्थर मरू कौन पराया है
शीश महल में एक एक चेहरा अपना लगता है
शीश महल में एक एक चेहरा अपना लगता है
[Chorus]
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से
Deewaron Se Milkar Rona was written by Qaiser-Ul-Jafri.
Pankaj Udhas released Deewaron Se Milkar Rona on Thu Jan 01 1981.