Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Lata Mangeshkar & Shailender Singh
Manna Dey & Shailender Singh
Shailender Singh
Lata Mangeshkar & Shailender Singh
Lata Mangeshkar & Shailender Singh
Lata Mangeshkar
Narendra Chanchal
Lata Mangeshkar
बाहर से कोई अंदर न आ सके
अंदर से कोई बाहर न जा सके
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
हम तुम एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
तेरे नैनों की भूलभुलैया
में बॉबी खो जाए
हम तुम एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
आगे हो घनघोर अँधेरा
बाबा मुझे डर लगता है
पीछे कोई डाकू लूटेरा
हम क्यूँ दर्रा रहे हो
आगे हो घनघोर अँधेरा
पीछे कोई डाकू लूटेरा
ऊपर भी जाना हो मुश्किल
नीचे भी आना हो मुश्किल
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम कहीं को जा रहे हो
और रास्ता भूल जाए
ो हो
हम तुम कभी को जा रहे हो
और रास्ता भूल जाए
तेरी बाइयाँ के झूले में
सैयां बॉबी झूल जाए
हम तुम एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
बस्ती से दूर पर्बत के
पीछे मस्ती में चूर
घने पेड़ों के नीचे
अनदेखी अनजानी सी जगह हो
बस एक हम हो दूजी हवा हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम एक जंगल से
गुज़रे और शेर आ जाए
हम तुम एक जंगल से
गुज़रे और शेर आ जाए
शेर से मैं कहूँ तुमको
छोड़ दे मुझे खा जाए
हम तुम एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
ऐसे क्यूँ खोये खोये हो
जागे हो के सोए हुए हो
क्या होगा कल किसको खबर है
थोड़ा सा मेरे दिल में यह डर है
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम यूँही हँस खेल रहे हो
और आँख भर आये
हम तुम यूँही हँस खेल रहे हो
और आँख भर आये
तेरे सर की कसम तेरे
ग़म से बॉबी मर जाए
हम तुम एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
तेरे नैनों की भूलभुलैया
में बॉबी खो जाए
हम तुम हम तुम
एक कमरे में बंद हो
एक कमरे में बंद हो
और चाबी खो जाए
और चाबी खो जाए
और चाबी खो जाए
और चाबी खो जाए
खो जाए
Hum Tuk Ek Kamre Mein was written by Shailender Singh & Lata Mangeshkar.
Hum Tuk Ek Kamre Mein was produced by Shailender Singh & Lata Mangeshkar.
Lata Mangeshkar & Shailender Singh released Hum Tuk Ek Kamre Mein on Fri Sep 28 1973.