[Intro]
दीवानों से ये मत पूछो
दीवानों से ये मत पूछो
दीवानों पे क्या गुज़री है, गुज़री है
हाँ, उनके दिलों से ये पूछो
अरमानों पे क्या गुज़री है, गुज़री है-है
दीवानों से ये मत पूछो
[Verse 1]
औरों को पिलाते रहते हैं
और ख़ुद प्यासे रह जाते हैं
औरों को पिलाते रहते हैं
और ख़ुद प्यासे रह जाते हैं
[Verse 2]
ये पीने वाले क्या जानें
पैमानों पे क्या गुज़री है, गुज़री है-है
दीवानों से ये मत पूछो
मालिक ने बनाया इंसाँ को
इंसान मोहब्बत कर बैठा
मालिक ने बनाया इंसाँ को
इंसान मोहब्बत कर बैठा
[Chorus]
वो ऊपर बैठा क्या जाने
इंसानों पे क्या गुज़री है, गुज़री है
हाँ, उनके दिलों से ये पूछो
अरमानों पे क्या गुज़री है, गुज़री है
दीवानों से ये मत पूछो
Diwano Se Mat Poochho was written by Qamar Jalalabadi.
Diwano Se Mat Poochho was produced by Kalyanji–Anandji.
Mukesh released Diwano Se Mat Poochho on Sun Dec 01 1968.