[Verse 1]
खो के वो हस्ती वो निशान जिनके सवालों में
छोड़ी वो रस्में वो मकाम
गुज़रे थे कितने सुबहो शाम जिनके ख्यालों में
बस आखरी उनको सलाम
जानू ना माजरा वही
है मेहमान यहाँ हर कोई
ढूंढूँ मैं अपना कोई
जागा जो सपना वो ही
[Verse 2]
ढूंढे जो खुदको है नादान, मंदिर-मज़ारों में
मैं काफिर, मैं बदज़ुबान
किस्से हुए कितने तमाम, दिल के किनारों में
दिल बुजदिल, दिल बेईमान
जानू न माजरा वही
है मेहमान यहाँ हर कोई
ढूंढूँ मैं अपना कोई
जागा जो सपना वो ही
जानू न, माजरा वही
है मैहमान, यहाँ हर कोई
ढूंढूँ मैं, अपना कोई
जागा जो, सपना वोही
[Verse 3]
किस्से हुए कितने तमाम, दिल के किनारों में
दिल बुजदिल, दिल बेईमान
ढूंढे जो खुदको है नादान, मंदिर-मज़ारों में
मैं काफिर, मैं बदज़ुबान
[Outro]
बदले हैं हर पल, मौसम मिला वोही
लापता क्यूँ फिर, तू बादल कोई
बदले हैं हर पल, मौसम मिला वोही
लापता क्यूँ फिर, तू बादल कोई
बदले हैं हर पल, मौसम मिला वोही (बस आखरी उनको सलाम)
लापता क्यूँ फिर, तू बादल कोई (बस आखरी उनको सलाम)
किस्से हुए कितने तमाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वोही)
दिल बुजदिल दिल बेईमान (लापता क्यूँ फिर, तू बादल कोई)
बस आखरी उनको सलाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वोही)
बस आखरी उनको सलाम (लापता क्यूँ फिर, तू बादल कोई)
The Local Train released Aakhri Salaam on Thu Jun 28 2018.