[Karun "Zubaan" ft. Pahaad & pho के बोल]
[Intro: Pahaad]
ज़ुबां साथ में
हाफ़ते, जिगर चाट दे
गरज के बिजुर आग दे
जाम दे, साज़ दे, ख़्वाब ले
[Chorus: Pahaad]
ज़ुबां साथ में
हाफ़ते, जिगर चाट दे
गरज के बिजुर आग दे
जाम दे, साज़ दे, ख़्वाब ले
मगन राग में
आज से खुला छाप दे
आ गया पूरा ताज लेने
जाम लेके, साज़ लेके, ख़्वाब जीने
[Verse 1: Pahaad]
आए, आए
दावा करके दोबारा तू फँसा है
माईने मेरे ना डेरे दस्तकें, ये कहा है
लाया जाकर अनजाने तराने
मैं राही बरसों का भटका हूँ
अरे, दाएँ-बाएँ
मेरे मन के पैमाने जाते जाए खाए
मैंने कितनी आँखों को है दिखाए आइने
हैं टूटे मेरे आगे बेगानी
ज़िंदगी में हुआ दीवाना
[Verse 2: pho]
आए हाय
आज फिर दिल गोता लिए खाए, हाय
इसे समझ में कुछ भी न आए, हाय
बस जिस्म की आग बुझाना चाहे दिल
साए-साए यूँ ही छू के मुझे हवा खुसफुसाए, हाय
इरादे तेरे बयाँ करे जाए, हाय
ये इंतज़ार खाली यूँ न जाए
तो आ मिल
[Chorus: Pahaad]
ज़ुबां साथ में
हाफ़ते, जिगर चाट दे
गरज के बिजुर आग दे
जाम दे, साज़ दे, ख़्वाब ले
मगन राग में
आज से खुला छाप दे
आ गया पूरा ताज लेने
जाम लेके, साज़ लेके, ख़्वाब जीने
[Verse 3: Karun]
मुझे photo खींचाना ख़ास अब पसंद नहीं है
मुझे भीड़ में आना-जाना पसंद नहीं है
मुझे photo खींचाना ख़ास अब पसंद नहीं है
मुझे भीड़ में आना-जाना, आना-जाना, आना-जाना
मुझे photo खींचाना ख़ास अब पसंद नहीं है
मुझे भीड़ में आना-जाना पसंद नहीं है
And trust me Yash, I know how it really feels
When someone says कि धुंधला तेरा गाना ही नहीं है
ये Maharani मेरे वाला गाना ही नहीं है
अरे, ये तो साला Arpit Bala ही नहीं है
मैंने कितनों के हाथों में चाबियाँ थमाई
पर रस्तों पे कइयों के ताले ही नहीं है
चुना रस्ते अलग, दिखे आइने सभी को
मेरे चेहरे अलग, दिखे माईने सभी को
रहा गुप्त मैं तन्हा, ना आई न कभी वो
मेरी किस्मत रूठे जो रिझाई न मैंने तो
[Bridge: Pahaad]
मैंने राज़ी कर ली क़िस्मत ये
पैसे फेंकूं चादर पे
छाती पे गुंदवा लिया
नीलाम ही कर दी जन्नत ये
[Chorus: Pahaad & pho]
ज़ुबां साथ में
हाफ़ते, जिगर चाट दे
गरज के बिजुर आग दे
जाम दे, साज़ दे, ख़्वाब ले
मगन राग में
आज से खुला छाप दे
आ गया पूरा ताज लेने
जाम लेके, साज़ लेके, ख़्वाब जीने
ज़ुबां साथ में
हाफ़ते, जिगर चाट दे
गरज के बिजुर आग दे
जाम दे, साज़ दे, ख़्वाब ले
मगन राग में
आज से खुला छाप दे
आ गया पूरा ताज लेने
जाम लेके, साज़ लेके, ख़्वाब जीने
Zubaan was written by Karun (IND) & Pahaad & pho (IND).
Zubaan was produced by mendus.
Karun (IND) released Zubaan on Mon Jun 16 2025.