[Chorus]
उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?
उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी
हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
[Verse 1]
डगर में रूप के लोभी, नगर में मन के मैले हैं
यहाँ पापी नजरियों के हज़ारों जाल फैले हैं
भरे बाज़ार में बाली उमरिया कैसे ले जाऊँ?
[Chorus]
कमर लचके मोरी
हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?
[Verse 2]
मोहे दुनिया से डर लागे, यहाँ लाखों हैं मतवाले
ना जाने कोई अलबेला मोहे किस रंग में रंग डाले
रंगीलों में भला कोरी चुनरिया कैसे ले जाऊँ?
[Chorus]
कमर लचके मोरी
हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?
[Verse 3]
लगा के हाथों में मेहँदी, रचा के नैनों में रतिया
दुल्हनिया बनके निकली हूँ, मिलेंगे आज मन बसिया
सजन के द्वार से प्यासी नजरिया कैसे ले जाऊँ?
[Chorus]
कमर लचके मोरी
हाय, कमर लचके मोरी, भारी गगरिया कैसे ले जाऊँ?
उमंगो को सखी पी की नगरिया कैसे ले जाऊँ?
Umango Ko Sakhi was written by Shakeel Badayuni.
Umango Ko Sakhi was produced by Naushad.
Lata Mangeshkar released Umango Ko Sakhi on Fri Dec 31 1954.