Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar
Geeta Dutt & Mohammed Rafi
Geeta Dutt
Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar
[Chorus]
उधर तुम हसीं हो, इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की इक दास्ताँ है
उधर तुम हसीं हो, इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़्मा, ये क्या दास्ताँ है
बता ऐ मोहब्बत, मेरा दिल कहाँ है?
ये कैसा है नग़्मा
[Verse 1]
मेरे घर में आई हुई है बहार
क़यामत है फिर भी करूँ इन्तज़ार
मेरे घर में आई हुई है बहार
क़यामत है फिर भी करूँ इन्तज़ार
मोहब्बत कुछ ऐसी सज़ा दे रही है
मोहब्बत कुछ ऐसी सज़ा दे रही है
कि खुद रात अंगड़ाईयाँ ले रही है
जिधर देखती हूँ नज़ारा जवाँ है
[Chorus]
उधर तुम हसीं हो, इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़्मा, ये क्या दास्ताँ है
बता ऐ मोहब्बत, मेरा दिल कहाँ है?
ये कैसा है नग़्मा
[Verse 2]
सुलगती हैं तारों की परछाइयाँ
बुरी हैं मुहब्बत की तनहाइयाँ
सुलगती हैं तारों की परछाइयाँ
बुरी हैं मुहब्बत की तनहाइयाँ
महकने लगा मेरी ज़ुल्फ़ों में कोई
महकने लगा मेरी ज़ुल्फ़ों में कोई
लगीं जागने धड़कनें सोई-सोई
मेरी हर नज़र आज दिल की ज़ुबाँ है
[Chorus]
उधर तुम हसीं हो, इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़्मा, ये क्या दास्ताँ है
बता ऐ मोहब्बत, मेरा दिल कहाँ है?
ये कैसा है नग़्मा
[Verse 3]
तरसता हूँ मैं ऐसे दिलदार को
जो दिल में बसा ले मेरे प्यार को
तरसता हूँ मैं ऐसे दिलदार को
जो दिल में बसा ले मेरे प्यार को
तेरे ख़्वाब हैं मेरी रातों पे छाए
तेरे ख़्वाब हैं मेरी रातों पे छाए
मेरे दिल पे हैं तेरी पलकों के साए
के मेरे लबों पर तेरी दास्ताँ है
[Chorus]
उधर तुम हसीं हो, इधर दिल जवाँ है
ये रंगीन रातों की एक दास्ताँ है
ये कैसा है नग़्मा, ये क्या दास्ताँ है
बता ऐ मोहब्बत, मेरा दिल कहाँ है?
ये कैसा है नग़्मा
Udhar Tum Hasin Ho (From ”Mr. And Mrs. 55") was written by Majrooh Sultanpuri.
Udhar Tum Hasin Ho (From ”Mr. And Mrs. 55") was produced by O. P. Nayyar.
Geeta Dutt & Mohammed Rafi released Udhar Tum Hasin Ho (From ”Mr. And Mrs. 55") on Sat Jan 01 1955.