Tere Ghar Ke Raaste by Sonu Nigam
Tere Ghar Ke Raaste by Sonu Nigam

Tere Ghar Ke Raaste

Sonu-nigam

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Tere Ghar Ke Raaste by Sonu Nigam

Release Date
Mon Jul 05 1999
Performed by
Sonu-nigam

Tere Ghar Ke Raaste Lyrics

[Chorus]
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे
आँखों में सपने लेकर जाना है वहाँ
आवारा ये राहें ले जाएँगी जहाँ
कैसी ये दिल्लगी, कैसा ये प्यार है
मुझको मिल जाएगा मेरा जो यार है
जाने क्यों मुझे है यक़ीन के
तू ही तो है मेरा
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे

[Verse 1]
ये दुनिया से कह देंगे हम
हम कह देंगे दुनिया से ये
जो है निगाहों में बसी, दिल में भी है वही
जाने कैसे वो बन गई मेरी ज़िंदगी
अब तो उसको पाकर रहना है, हु हु हु

[Chorus]
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे
आँखों में सपने लेकर जाना है वहाँ
आवारा ये राहें ले जाएँगी जहाँ
कैसी ये दिल्लगी, कैसा ये प्यार है
मुझको मिल जाएगा मेरा जो यार है
जाने क्यों मुझे है यक़ीन के
तू ही तो है मेरा
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे

[Verse 2]
कल तक थे जो अंजाने दिल
दिल अंजाने जो थे कल तक
वो भी मिल जाएँगे कभी, कह रहे ये सभी
जैसे कि आसमान से मिल जाती है ये ज़मीन
तन्हाई को अब नहीं सहना है, हो हो हो

[Chorus]
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे
आँखों में सपने लेकर जाना है वहाँ
आवारा ये राहें ले जाएँगी जहाँ
कैसी ये दिल्लगी, कैसा ये प्यार है
मुझको मिल जाएगा मेरा जो यार है
जाने क्यों मुझे है यक़ीन के
तू ही तो है मेरा
तेरे घर के रास्ते से जाना है मुझे
कुछ भी हो जाए मंज़िल को पाना है मुझे

Tere Ghar Ke Raaste Q&A

Who wrote Tere Ghar Ke Raaste's ?

Tere Ghar Ke Raaste was written by Ravi Pawar & Shahab Allahabadi.

When did Sonu-nigam release Tere Ghar Ke Raaste?

Sonu-nigam released Tere Ghar Ke Raaste on Mon Jul 05 1999.

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