[Arijit Singh & Jonita Gandhi "Silsila" के बोल]
[Verse 1: Arijit Singh]
तेरी मेरी मिली राहें अनजाने में
तक़दीर ये क्यों लिखी, खुद रब जाने
जो मिला है, लगता है
धड़कन में है घुला
अब शायद साँसों में
शुरू होने को है चला
[Chorus: Arijit Singh]
ये सिलसिला
तारों तले बातों का
उजली हुई रातों का
होने को है चला
ये सिलसिला
ताज़ी बुनी यादों का
दो ख़्वाबों का सिलसिला
[Verse 2: Jonita Gandhi]
ओ, ओ
धागों सा उलझा ये फ़साना
आहिस्ता सुलझाना तुम फिलहाल
सिलने को है एक ताना-बाना
होने दो इस दिल को इस्तेमाल
[Refrain: Jonita Gandhi, Jonita Gandhi & Arijit Singh]
नज़रों के शीशों में
चेहरा जो है खिला
अब शायद रूहों में
शुरू होने को है चला
[Chorus: Arijit Singh & Jonita Gandhi]
ये सिलसिला
तारों तले बातों का
उजली हुई रातों का
होने को है चला
ये सिलसिला
अंबर के जैसा बेक़रार
बे-रुका सिलसिला
[Outro: Arijit Singh, Arijit Singh & Jonita Gandhi]
तेरी मेरी मिली राहें अनजाने में
तक़दीर ये क्यों लिखी, खुद रब जाने
जो मिला है, लगता है
धड़कन में है घुला
अब शायद साँसों में
शुरू होने को है चला ये सिलसिला
Silsila was written by Siddhant Kaushal.
Silsila was produced by Shor Police.
Arijit-singh released Silsila on Thu Jan 30 2025.