[Intro]
है है है
है है है
[Chorus]
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
[Verse 1]
अजीब सी थी कहानी मेरी
रीत थी बतानी मेरी
ढीट थी मन मानी मेरी
बीतती जवानी मेरी
बीट में समाने को
बताने को ज़माने को
तराने वो पुराने जो
फ़साने मुझको सुनाने थे
मेरी आँखों के नीचे के हलको को देखो
कीचड़ में खिलते कमल को तो देखो
बातों के पीछे वज़न को तो देखो
बिछड़ के जो मिलते वो पल को तो देखो
दस बातों से गीली इन पलकों को देखो
जज़्बातों से ढीली शकल को तो देखो
कुदरत की दी हुई अक़्ल को तो देखो
हिम्मत ये ताक़त ये बल को तो देखो
या तो बता दो के
काटों के रस्ते को
हस के मैं काटू तो
झटके में लातो से लहू बहा लो
कमा के धमाके सी
बस्ती की लड़की पटा के
उसको घर की गृहस्थी सिखा के
मेरी माँ की इकलौती... बहू बना लूँ
ताकि कसौटी के सोपे वे रिश्ते को
माँ की दुआ से खोटे से सिक्के को
छोटे दो बच्चे हो
बैठा तो खोटा है
पोते तो अच्छे हो
बैठा तो जो चाहे
वो करे ना डरे जोकर है पागल है
झापड़ दें पागल को क्या करे!
इस बत्तर से आलम में क्या करे?
फुर्सत से आराम हम ना करे!
[Chorus]
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
[Verse 2]
धूम मचाओ
शोर मचाओ
ढोल बजाओ
घोर प्रभाव
और बत्तर से आलम को
भूल भी जाओ अपने
बस्ते से क़लम को
निकलो लिखाओ दिखाओ
बढ़ते वे इलम को धक्का दो बढाओ. दोहराओ
मेरी शातिर कला की चालाकी तो देखो!
हाज़िर जवाबी चालाकी से देखो
सलाह किसी से ले के सलाखो से कैदी रिहा कर के देखो!
इजाज़त कलाकार को एक बार दे कर
गुनाह सर पे लेकर मुनासिब लगे तो भला कर के देखो!
मसले का हल सुलझाकर तो देखो!
ताकि इलाके के मामूली लोगों से आगे हम भागे
ना कि बस दफ्तर में हम भागे जा के
बत्तर से मालिक की दो गाली खा के
या तो ग्राहक को टोपी पहना के
ऐसे कमा के पैसे का क्या मतलब?
अक्सर यूं रो कर दफ्तर की ठोकर को
खा कर कमाने का क्या मतलब?
थक थक के इज़्ज़त कमाने में मतलब है
बचपन से बक बक के छाने का मक़सद है
तन मन की तड़पन दिखाने की हसरत है
परदेसी रिवाज़ पर देसी मिज़ाज
चढ़ाने की चाहत है
अंग्रेजी लीबाज़ पर देसी लिहाज़
को लाने की चाहत है
रवानी लिखावट है
जवानी दिखावट है
दिखलाने की ताक़त है
फिर लाने की आफत है!
[Chorus]
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
[Chorus]
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
सबसे हटकर जीने की मेरी ख्वाइश है कुछ आरज़ू है!
रस्ते पत्थर कीलें के आज़माइशें हज़ार क्यों है?
फ़ालतू में हार तूने जीत के भी मानी Naezy!
Sabse Hatkar was written by Naezy.
Sabse Hatkar was produced by .
Naezy released Sabse Hatkar on Thu May 08 2014.