रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
तेरा नशीला बदन बाहों ने छोड़ा नहीं
आँखें तो खोली मगर सपना वोह तोडा नहीं
हाँ वोही वोह वोही
साँसों पे रखा हुआ तेरे होटों का सपना अभी है वही
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
तेरे बिना भी कभी तुझसे मचल लेती हूँ
करवट बदलती हूँ तो सपना बदल लेती हूँ
तेरे बिना भी कभी तुझसे मचल लेती हूँ
करवट बदलती हूँ तो सपना बदल लेती हूँ
तेरा ख्याल आये तो बलखाके पल जाता है
पानी के चादर तले दम मेरा जल जाता है
हाँ वोही वोह वोही
साँसों पे रखा हुआ तेरे होटों का सपना अभी है वही
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
तेरे गले मिलने के मौसम बड़े होते हैं
जन्मों का वादा कोई यह ग़म बड़े छोटे हैं
तेरे गले मिलने के मौसम बड़े होते हैं
जन्मों का वादा कोई यह ग़म बड़े छोटे हैं
लम्बी सी एक रात हो लम्बा सा एक दिन मिले
बस इतना सा जीना हो मिलन की घडी जब मिले
हाँ वोही बस वोही
साँसों पे रखा हुआ तेरे होटों का सपना अभी है वही
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
Raat Ka Nasha was written by Gulzar.
Raat Ka Nasha was produced by Anu Malik.
K.S. Chithra released Raat Ka Nasha on Thu Sep 13 2001.