[Sukriti Bhardwaj "Mazza Hi Mazza" के बोल]
[Intro]
ओह-हो-हो, ओह-हो-हो-हो-हो-हो
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
[Verse 1]
सपनो की boat से तू करवट ले, जाग ज़रा
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
बिस्तर को खींच ज़रा, खिड़की से झाके सुबह
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
जग-मग धूप लगे, बर्फी की भूख लगे
चाल डगमगाए, हवा भी गुदगुदाए
नदियों में डुबडुबाती मछलियों संग फिसल जाए
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
कंधे पर पंख लिए, पंछी सा झूम जाए
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
[Interlude]
परा-परा, परा-परा, परा-परा, परा-परा
परा-परा, परा-परा, परा-परा
[Verse 2]
होजा तैयार होजा, आई है नई सुबह
इमली चख के ज़रा आले से दूर भगा
छत पे तू आके बेटा, सूरज से आँख मिला
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
जुगनू की light से तू मुट्ठी में bulb जला
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
तू खुश है तो मैं खुश रहूं, तू संग है तो मैं भी चलू
रुकना ना अब तो कभी, साथ-साथ चल तो आए
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
तारों के नाव में चल, सागर के पार जाए
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
[Outro]
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा (हो)
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा (हो)
मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा, मज़ा ही मज़ा
Mazza Hi Mazza was written by Pranav Vatsa & Harsh Upadhyay & Sukriti Bhardwaj.
Mazza Hi Mazza was produced by Jay Mavani.
Sukriti Bhardwaj released Mazza Hi Mazza on Wed Mar 12 2025.