मैं तारे तोड़ के लाऊं
मेरे इतने लम्बे हाथ नहीं
मैं तारे
सबके जैसा हूँ मैं भी
कोई मुझमें अलग सी बात नहीं
हाँ मुझमें अलग सी बात नहीं
दिल फिर भी चुपके से
ये पूछ रहा तुमसे
तुम मुझसे ऐ प्यार करोगी क्या
दिल फिर भी
सपनों में मेरे अजनबी
धीरे से दाखिल हो कभी
गलियों गलियों तेरा किस्सा आम है
सारे चनारों पे लिखा
सारे बहारों पे लिखा
आयत आयत जैसा तेरा नाम है
सपना ये सच कर पाऊँ
मेरे ऐसे तो हालात नहीं
सबके जैसा हूँ मैं भी
रेशा रेशा तुझको बुनता हूँ
केसर केसर तुझको चुनता हूँ
बस एक वहम है यार
मीठा सा भरम है तू
अफवाहें ये भी मैं सुनता हूँ
दिल फिर भी
Main Taare was written by Manoj Muntashir.