[Hesham Abdul Wahab & Chinmayi "Kya Ho Raha Hai Ye" के बोल]
[Verse 1: Chinmayi]
नज़दीकियाँ जैसे दूरियाँ हुई हो गुमराह
हाय, भीगी-भीगी खिड़की पे उंगली से नाम लिखा
आईना गड़बड़ था या हूँ सांवरा, बातें बहका देना
परछाइयाँ पहले से मिल गई, मिलते हम क्या
[Chorus: Hesham Abdul Wahab & Chinmayi]
क्या हो रहा है ये?
क्यों हो रहा है ये?
इक मैं, इक वो मन का
क्या हो रहा है ये?
क्यों हो रहा है ये?
जपते-जपते बहका
क्या हो रहा है ये?
क्यों हो रहा है ये?
मन के धागे से बुना
[Instrumental Break]
[Verse 2: Chinmayi]
तू शायद सोचे, देख बुलबुली मौके
सच है या इम्तेहान, ख़ामोशी मरहम
नींद की गलती है सपने
सपनों की कमी खोले नींद
सो जाऊँ, खो जाऊँ
दिल सोचे ज़रा कम
ना सपने सुबह के, चैन रात कहाँ है
ऐसा ही होता है खिड़की से घर झाँके कोई 'गर
[Chorus: Hesham Abdul Wahab & Chinmayi]
क्या हो रहा है ये?
क्यों हो रहा है ये?
इक मैं, इक वो मन का
क्या हो रहा है ये?
क्यों हो रहा है ये?
जपते-जपते बहका
[Bridge: Chinmayi & Hesham Abdul Wahab]
मनिचि कसम सम्बन्धं
संधिथं सत्सांधित्यं
मस्तिष्कं भ्रमरा भ्रमणं
विपदं विमुखं कुंचिन्तं
[Verse 3: Chinmayi]
बरखा आँखों में छुपी
रोशनी ही रोशनी
तू माँगे, ना माँगे
बदरी को आखिर था छाना
[Refrain: Chinmayi]
नज़दीकियाँ जैसे दूरियाँ हुई हो गुमराह
हाय, भीगी-भीगी खिड़की पे उंगली से नाम लिखा
आईना गड़बड़ था या तू सांवरा, बातें बहका देना
परछाइयाँ पहले से मिल गई, मिलते हम क्या
[Chorus: Hesham Abdul Wahab & Chinmayi]
क्या हो रहा है ये?
क्यों हो रहा है ये?
इक मैं, इक वो मन का
क्या हो रहा है ये? (मनिचि)
क्यों हो रहा है ये? (कसम सम्बन्धं)
इक मैं, इक वो मन का (संधिथं सत्सांधित्यं)
क्या हो रहा है ये? (मस्तिष्कं)
क्यों हो रहा है ये? (भ्रमरा भ्रमणं)
जपते-जपते बहका (विपदं विमुखं कुंचिन्तं)
Kya Ho Raha Hai Ye was written by Garima Obrah & Hesham Abdul Wahab.
Kya Ho Raha Hai Ye was produced by Hesham Abdul Wahab.
Hesham Abdul Wahab released Kya Ho Raha Hai Ye on Tue Aug 26 2025.