[Chorus]
गल मेरी क्यूँ वे तू सुणदी नई ए
हर वारी तू ओहनु चुणदी
की कहना, मैं की कहना
की कहना, मैं की कहना वे
[Verse 1]
तेरे वरगी ना सोहणी वे
पर इस तों वी ज़्यादा तू यारा
तेरे वरगी ना कोई वे
सुन ले क्यूंकी मैं देखियाँ कइयां
है पता मैनु नि किन्ना
वेखेया तू पर मैं दस्सां
कर फ़ैसला..
[Chorus]
गल मेरी क्यूँ वे तू सुणदी नई ए
हर वारी तू ओहनु चुणदी
की कहना, मैं की कहना
की कहना, मैं की कहना वे
[Verse 2]
तैनू मिल जाना कोई वे
नचदी नू वे तकदे सौ यारा
तेरी अखां विच खोई वे
दुनिया पर तू ए खोई कहाँ
है पता तैनू नि किन्ना
तेरे ते दुनिया मरदी आ
कर फ़ैसला..
[Chorus]
गल मेरी क्यूँ वे तू सुणदी नई ए
हर वारी तू ओहनु चुणदी
की कहना, मैं की कहना
की कहना, मैं की कहना वे
Ki Kehna was written by Siddhant Kaushal.