[Intro]
रातों-रात तारा कोई, चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ, सुनियो रे
तारा चमकीला होगा, चाँद शरमीला होगा
नथ में लगा लेना
रातों-रात तारा कोई, चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ, सुनियो रे
तारा चमकीला होगा, चाँद शरमीला होगा
नथ में लगा लेना
[Pre-Chorus]
ज़रा सी साँवरी है वो, ज़रा सी बावरी है वो
वो सुरमे की तरह मेरी आँखों में ही रहती है
[Chorus]
सुबह के ख़ाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो, ना मानो तुम
सोते-सोते ख़्वाबों में भी ख़ाब दिखाती है
मानो, ना मानो तुम
परी है, वो परी की कहानियाँ सुनाती है
[Post-Chorus]
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
[Chorus]
रातों-रात तारा कोई, चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना, ओ, सुनियो रे
तारा चमकीला होगा, चाँद शरमीला होगा
नथ में लगा लेना
[Verse 1]
तू हवा, मैं ज़मीं, तू जहाँ, मैं वहीं
जब उड़े, मुझे लेके क्यूँ उड़ती नहीं?
तू घटा, मैं ज़मीं, तू कहीं, मैं कहीं
क्यूँ कभी मुझे लेके बरसती नहीं?
[Pre-Chorus]
ज़रा सी साँवरी है वो, ज़रा सी बावरी है वो
वो सुरमे की तरह मेरी आँखों में ही रहती है
[Chorus]
सुबह के ख़ाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो, ना मानो तुम
सोते-सोते ख़्वाबों में भी ख़ाब दिखाती है
मानो, ना मानो तुम
परी है, वो परी की कहानियाँ सुनाती है
[Post-Chorus]
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
[Instrumental-break]
[Verse 2]
जब दाँत में ऊँगली दबाए
या ऊँगली पे लट लिपटाए
बादल ये निचड़ता जाए, ओ
कुछ कर के वो बात को टाले
जब माथे पे वो बल डाले
अंबर ये सुकुड़ता जाए, ओ
[Verse 3]
वो जब नाखून कुतरती है
तो चंदा घटने लगता है
वो पानी पर क़दम रखे
सागर भी हट जाता है
[Chorus]
सुबह के ख़ाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो, ना मानो तुम
सोते-सोते ख़्वाबों में भी ख़ाब दिखाती है
मानो, ना मानो तुम
परी है, वो परी की कहानियाँ सुनाती है
[Post-Chorus]
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
खुदाया ख़ैर, खुदाया ख़ैर
Khudaya Khair (Reprise) was written by Gulzar.
Khudaya Khair (Reprise) was produced by Pritam.
Abhijeet released Khudaya Khair (Reprise) on Mon Jan 05 2009.