Kholo Kholo by Raman Mahadevan
Kholo Kholo by Raman Mahadevan

Kholo Kholo

Raman Mahadevan * Track #2 On Taare Zameen Par

Kholo Kholo Lyrics

खोलो खोलो दरवाज़े
परदे करो किनारे
खुटे से बंधी है हवा
मिल के छुड़ाओ सारे

आजाओ पतंग लेके
अपने ही रंग लेके
आसमान का शामियाना
आज हमें है सजाना

क्यों इस कदर हैरान तू
मौसम का है मेहमान तू
दुनिया सजी तेरे लिए
खुद को ज़रा पेहचान तू

तू धुप हैं जहां से बिखर
तू है नदी ओ बेखबर
बेह चल कहीं उड़ चल कहीं
दिल खुश जहाँ तेरी तोह मंज़िल है वहीँ

क्यों इस कदर हैरान तू
मौसम का है मेहमान तू

बासी ज़िन्दगी उदासी
ताज़ी हॅसनेय को राज़ी
गरमा गरमा साड़ी
अभी अभी है उतारि

ओह ज़िन्दगी तो हैं बताशा
मीठी मीठी सी है आशा
चख ले रख ले
हथेली से धक् ले इसे

तुझ में अगर प्यास है
बारिश का घर भी पास है
रोके तुझे कोई क्यों भला
संग संग तेरे आकाश है

तू धुप हैं जहां से बिखर
तू है नदी ओ बेखबर
बेह चल कहीं उड़ चल कहीं
दिल खुश जहाँ तेरी तोह मंज़िल है वहीँ

खुल गया आसमान का रास्ता देखो खुल गया
मिल गया खो गया था जो सितारा मिल गया

रोशन हुई सारी ज़मीन
जगमग हुआ सारा जहां
ओह उड़ने को तू आज़ाद है
बंधन कोई अब है कहाँ

तू धुप हैं जहां से बिखर
तू है नदी ओ बेखबर
बेह चल कहीं उड़ चल कहीं
दिल खुश जहाँ तेरी तोह मंज़िल है वहीँ

ओह क्यूँ इस कदर हैरान तू
मौसम का है मेहमान तू

Kholo Kholo Q&A

Who wrote Kholo Kholo's ?

Kholo Kholo was written by Prasoon Joshi.

When did Raman Mahadevan release Kholo Kholo?

Raman Mahadevan released Kholo Kholo on Mon Nov 05 2007.

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