खटर पटर ज़िन्दगी ने राग है सुनाया
बटन खुले काज से तो बक्सवा लगाया
खटर पटर ज़िन्दगी ने राग है सुनाया
बटन खुले काज से तो बक्सवा लगाया
किस्मत फटी चादर तो हम बने
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा
खटर पटर ज़िन्दगी ने राग है सुनाया
बटन खुले काज से तो बक्सवा लगाया
किस्मत फटी चादर तो हम बने
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा..
बर्बाद दिन ने जो फेंकी यहाँ
हमने वो कतरन उठाई है
खटर पटर, खटर पटर
खटर पटर, खटर पटर
कतरन का पोला सा तकिया बना
उसपे ही नींदें चढ़ाई है
खटर पटर, खटर पटर
खटर पटर, खटर पटर
जिनते शटर हमपे गिरते गए
उतने चतुर हम भी बनते गए
होक तू बांका, छोटा सा टांका
दुनिया के मुंह पे लगा..
हाँ किलो के भाव हमने हौसला है पाया
रात लम्बी नापने को इंच-टेप लाया
गह्लास हुई तंग तो हम बने
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा
बातों को कड़वी ना दिल पे लिया
धक्का मिला तो नमस्ते दिया
खटर पटर, खटर पटर
खटर पटर, खटर पटर
रेशम की या साड़ी सूती की हो
सबको तसल्ली से पिको किया
खटर पटर, खटर पटर
खटर पटर, खटर पटर
सपने जो रखे हैं संभाल के
गीले ना हो जाएँ तिरपाल में
दुनिया के नाटक को
आँखों के फाटक से
चलता तू कर दे ज़रा
आत्मा को एक एक पुर्जे में मिलाया
देख लो मशीन को भी आदमी बनाया
जेबें जो उधड़ी हैं तो हम बने
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा
खटर पटर ज़िन्दगी ने राग है सुनाया
बटन खुले काज से तो बक्सवा लगाया
किस्मत फटी चादर तो हम बने
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा
सुई धागा, सुई धागा
सुई सीधी खड़ी, नाचे धागा
Khatar Patar was written by Anu Malik & Varun Grover.