जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी-अभी यहीं था, किधर गया जी?
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अखियों से डर गया जी
अरे, जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी-अभी यहीं था, किधर गया जी?
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अखियों से डर गया जी
कहीं मारे डर के चूहा तो नहीं हो गया?
कहीं मारे डर के चूहा तो नहीं हो गया?
कोने-कोने देखा, ना जाने कहाँ खो गया
कोने-कोने देखा, ना जाने कहाँ खो गया
यहाँ उसे लाए काहे को बिना काम रे?
जल्दी-जल्दी ढूँढो, के होने लगी शाम रे
यहाँ उसे लाए काहे को बिना काम रे?
जल्दी-जल्दी ढूँढो, के होने लगी शाम रे
जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी-अभी यहीं था, किधर गया जी?
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अखियों से डर गया जी
कोइ उल्फ़त की नज़र ज़रा फेर दे
कोइ उल्फ़त की नज़र ज़रा फेर दे
लेले दो-चार आने, जिगर मेरा फेर दे
लेले दो चार आने, जिगर मेरा फेर दे
ऐसे नहीं चोरी खुलेगी तकरार से
चलो-चलो थाने, बताएँ जमादार से
ऐसे नहीं चोरी खुलेगी तकरार से
चलो-चलो थाने, बताएँ जमादार से
जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी-अभी यहीं था, किधर गया जी?
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अखियों से डर गया जी
सच्ची-सच्ची कह दो, दिखाओ नहीं चाल रे
सच्ची-सच्ची कह दो, दिखाओ नहीं चाल रे
तूने तो नहीं हैं चुराया मेरा माल रे?
तूने तो नहीं हैं चुराया मेरा माल रे?
बातें हैं नज़र की, नज़र से समझाऊँगी
पहले पड़ो पैयाँ, तो फिर बतलाऊँगी
बातें हैं नज़र की, नज़र से समझाऊँगी
पहले पड़ो पैयाँ, तो फिर बतलाऊँगी
जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी-अभी यहीं था, किधर गया जी?
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अखियों से डर गया जी
अरे, जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी-अभी यहीं था, किधर गया जी?
किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी-बड़ी अखियों से डर गया जी
Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji was written by Majrooh Sultanpuri.
Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji was produced by O. P. Nayyar.
Geeta Dutt & Mohammed Rafi released Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji on Sat Jan 01 1955.