[Chorus]
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से
ईश्वर राह दिखाते हैं
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से
ईश्वर राह दिखाते हैं
आशा ज्योति जलाते हैं
[Verse 1]
ईश्वर भक्ति सुख का सागर
जो भी चाहे भर ले गागर
ईश्वर भक्ति सुख का सागर
जो भी चाहे भर ले गागर
जैसी भावना मन की होती
वैसे दिखते हैं परमेश्वर
कण कण में है प्रभु की आभा
सब पे दया लुटाते हैं
[Refrain]
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से
ईश्वर राह दिखाते हैं
[Verse 2]
सूरज चाँद सितारे बनाकर
धरती पर हरियाली सजाकर
सूरज चाँद सितारे बनाकर
धरती पर हरियाली सजाकर
जीव जगत को सौंप दिया है
जीवन बगिया फूल खिला कर
भोर में रूप किरण का लेकर
प्रभु नित्य मुझे जगाते हैं
[Refrain]
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से
ईश्वर राह दिखाते हैं
[Verse 3]
कैसे कहूँ प्रभु दूर हैं मुझसे
हर पग में अनुभव करता हूँ
कैसे कहूँ प्रभु दूर हैं मुझसे
हर पग में अनुभव करता हूँ
प्यासे को पानी, भूखे को भोजन
देते वही ऐसा लगता
जब तन में पीड़ा होती
प्रभु औषध बन के आते हैं
[Chorus]
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से
ईश्वर राह दिखाते हैं
मेरे सूने से जीवन में
आशा ज्योति जलाते हैं
Jab Main Bhatak Jata Hoon was written by Ravi Pawar & Sonu Nigam & Ajay Jhingran & Pandit Kiran Mishra.
Sonu Nigam released Jab Main Bhatak Jata Hoon on Fri Nov 20 1998.