[Divya Kumar & PARDHAAN "Ichakdana" के बोल]
[Verse 1: Divya Kumar]
सर भन्नाया, तोते उड़ गए
चिपका चाबूक, घोड़े खुल गए
सर से लेकर पांव तलक रंग गए काजल की गोथरिया में
गुस्से का हम थूक गटक गए, बनके देखो धूप चटक गए
हाथ लगा ना कुछ भी, भैया, लुट गए भरी दुपहरिया में
[Chorus: Divya Kumar]
ईचकदाना, ऊचकदाना
फँसा कबूतर चुग के दाना
खाया पिया कुछ नहीं
गिलास तोड़ा बारा आना
ईचकदाना, ऊचकदाना
फँसा कबूतर चुग के दाना
खाया पिया कुछ नहीं
गिलास तोड़ा बारा आना
[Verse 2: PARDHAAN]
दो इक्कम दो, दो दूनी चार
कौवे ने कर दिया कौवे पे वार
दो तिया छे, दो चौके आठ
कौवे लगावे से कौवे की वाट
दो पंजे दस, दो छक्के बारह
कौवे से आखिर में कौवा ही हारा
दो सत्ते चौदा, अठे सोलह होता है
कौवा तो घणा बड़बोला होता है
तो ना हम अठारह, हम कहते हैं बीस
कौवा का पहाड़ा है ये, कौवा very cheap
कौवा very cheap (बोलो, बोलो, बोलो)
बोलो कौवा very cheap
नि-सा, नि-सा, नि-सा, नि-सा
[Instrumental Break]
[Verse 3: Divya Kumar]
रंगबाजी की हवा भरा गुब्बारा फूटा है
बैठा अपनी किस्मत पे तू गाड़ के ठूटा है
जब तीर लिया उड़ता, बबुआ, फिर काहे सोचे तू
तेरे ही कंकड़ से तेरा मटका फूटा है
देख तमाशा बन गए कैसे हम तो बीच-बजरिया में
सोए थे हम महल में लेकिन आँख खुली है झोपड़िया में
हाथ लगा ना कुछ भी, भैया, कुछ ना बचा गठरिया में
[Chorus: Divya Kumar]
ईचकदाना, ऊचकदाना
फँसा कबूतर चुग के दाना
खाया पिया कुछ नहीं
गिलास तोड़ा बारा आना
ईचकदाना, ऊचकदाना
फँसा कबूतर चुग के दाना
खाया पिया कुछ नहीं
गिलास तोड़ा बारा आना
Ichakdana was written by Akhil Tiwari & Aman Pant.
Ichakdana was produced by Aman Pant.