Sawan Khan & Clinton Cerejo
Vijay Prakash & Nandini Srikar
Master Saleem
Vishal Dadlani & Sonu Kakkar
Bianca Gomes & Altamash Faridi & Shadab Faridi
Sawan Khan &
Jyoti Nooran & Sultana Nooran
Piyush Mishra
Alisha Batth & Vijay Prakash
Moora Lala &
Harshdeep Kaur
Raghubir Yadav
Harshdeep Kaur &
Shriram Iyer & Amit Trivedi & Natalie Di Luccio
Shriram Iyer & Mili Nair
Mame Khan
Mame Khan & Mili Nair
लाहौर के उस
पहले जिले के
दो परगना में पहुँचे
रेशम गली के
दूजे कूचे के
चौथे मकां में पहुँचे
और कहते हैं जिसको
दूजा मुल्क उस
पाकिस्तां में पहुँचे
लिखता हूँ ख़त में
हिन्दोस्तां से
पहलू-ए हुसना पहुँचे
ओ हुसना
मैं तो हूँ बैठा
ओ हुसना मेरी
यादों पुरानी में खोया
मैं तो हूँ बैठा
ओ हुसना मेरी
यादों पुरानी में खोया
पल-पल को गिनता
पल-पल को चुनता
बीती कहानी में खोया
पत्ते जब झड़ते
हिन्दोस्तां में
यादें तुम्हारी ये बोलें
होता उजाला हिन्दोस्तां में
बातें तुम्हारी ये बोलें
ओ हुसना मेरी
ये तो बता दो
होता है, ऐसा क्या
उस गुलिस्तां में
रहती हो नन्हीं कबूतर सी
गुमसुम जहाँ
ओ हुसना
पत्ते क्या झड़ते हैं
पाकिस्तां में वैसे ही
जैसे झड़ते यहाँ
ओ हुसना
होता उजाला क्या
वैसा ही है
जैसा होता हिन्दोस्तां यहाँ
ओ हुसना
वो हीरों के रांझे के नगमें मुझको अब तक आ आके सताएं
वो बुल्ले शाह की तकरीरों के
झीने झीने साये
वो ईद की ईदी
लम्बी नमाजें
सेंवैय्यों की झालर
वो दिवाली के दीये संग में
बैसाखी के बादल
होली की वो लकड़ी जिनमें
संग-संग आंच लगाई
लोहड़ी का वो धुआं जिसमें
धड़कन है सुलगाई
ओ हुसना मेरी
ये तो बता दो
लोहड़ी का धुंआ क्या
अब भी निकलता है
जैसा निकलता था
उस दौर में हाँ वहाँ
ओ हुसना
क्यों एक गुलसितां ये
बर्बाद हो रहा है
एक रंग स्याह काला
इजाद हो रहा है
क्यों एक गुलसितां ये
बर्बाद हो रहा है
एक रंग स्याह काला
इजाद हो रहा है
क्यों एक गुलसितां ये
बर्बाद हो रहा है
एक रंग स्याह काला
इजाद हो रहा है
ये हीरों के रांझों के नगमे
क्या अब भी, सुने जाते है हाँ वहाँ
ओ हुसना
और रोता है रातों में
पाकिस्तां क्या वैसे ही
जैसे हिन्दोस्तां
ओ हुसना
Husna was written by Piyush Mishra.
Husna was produced by Hitesh Sonik.
Piyush Mishra released Husna on Thu Jul 12 2012.