हाय रे, इंसान की मजबूरियाँ
हाय रे, इंसान की मजबूरियाँ
पास रहकर भी हैं कितनी दूरियाँ, दूरियाँ
हाय रे, इंसान की मजबूरियाँ
कुछ अँधेरे में नज़र आता नहीं
कोई तारा राह दिखलाता नहीं
जाने उम्मीदों की मंज़िल है कहाँ
जाने उम्मीदों की मंज़िल है कहाँ, हाए
हाय रे, इंसान की मजबूरियाँ
हाय रे, इंसान की मजबूरियाँ
शम्मा के अंजाम की किस को ख़बर
ख़त्म होगी या जलेगी रात-भर
शम्मा के अंजाम की किस को ख़बर
ख़त्म होगी या जलेगी रात-भर
जाने ये शोला बनेगी या धुआँ
जाने ये शोला बनेगी या धुआँ, हाए
हाय रे, इंसान की मजबूरियाँ
Hay Re Insaan Ki Majbooriya was written by Shakeel Badayuni.
Hay Re Insaan Ki Majbooriya was produced by Ravi (composer).
Mohammed Rafi released Hay Re Insaan Ki Majbooriya on Sat Dec 31 1960.