Hari Mere Ghar Ko by Sonu Nigam
Hari Mere Ghar Ko by Sonu Nigam

Hari Mere Ghar Ko

Sonu Nigam

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Hari Mere Ghar Ko by Sonu Nigam

Release Date
Fri Nov 20 1998
Performed by
Sonu Nigam

Hari Mere Ghar Ko Lyrics

[Intro]
Hmmmmmmm, ooooo

[Chorus]
हरी मेरे घर को ये वर दो
माँ-पिता की सेवा हो
भाई-बहन में होऊँ
भाई-बहन में निष्छल प्यार हो
अतिथि नित्यों का सदा सत्कार हो
मन में सभी के लिये प्रेम भाव हो
मेरी हर धड़कन बन जाए पूजन
घर ही मेरे लिये तीर्थ हो
हरी मेरे घर को ये वर दो
माँ-पिता की सेवा हो

[Verse 1]
माँ-पिता अनमोल अनुपम हैं
संस्कारों के ये उद्गम हैं
यही तो साक्षात देव-रूप हैं
यही तो साक्षात देव-रूप हैं
मेरी हर धड़कन बन जाए पूजन
घर ही मेरे लिये तीर्थ हो

[Refrain]
हरी मेरे घर को ये वर दो
माँ-पिता की सेवा हो

[Verse 2]
सब अपने हों, कोई न गैर हो
मन में किसी के लिये द्वेष न बैर हो
ये सारा जग जैसा अपना घर हो
ये सारा जग जैसा अपना घर हो
मेरी हर धड़कन बन जाए पूजन
घर ही मेरे लिये तीर्थ हो

[Refrain]
हरी मेरे घर को ये वर दो
माँ-पिता की सेवा हो

[Verse 3]
यूँ जीवन को सफल बनाऊँ मैं
हर दिन एक नया पुण्य कमाऊँ मैं
कर्मों से मोक्ष-द्वार पाऊँ मैं
कर्मों से मोक्ष-द्वार पाऊँ मैं
मेरी हर धड़कन बन जाए पूजन
घर ही मेरे लिये तीर्थ हो

[Chorus]
हरी मेरे घर को ये वर दो
माँ-पिता की सेवा हो
भाई-बहन में होऊँ
भाई-बहन में निष्छल प्यार हो
अतिथि नित्यों का सदा सत्कार हो
मन में सभी के लिये प्रेम भाव हो
मेरी हर धड़कन बन जाए पूजन
घर ही मेरे लिये तीर्थ हो

[Refrain]
हरी मेरे घर को ये वर दो
माँ-पिता की सेवा हो

Hari Mere Ghar Ko Q&A

Who wrote Hari Mere Ghar Ko's ?

Hari Mere Ghar Ko was written by Ravi Pawar & Sonu Nigam & Ajay Jhingran & Pandit Kiran Mishra.

When did Sonu Nigam release Hari Mere Ghar Ko?

Sonu Nigam released Hari Mere Ghar Ko on Fri Nov 20 1998.

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