Chhod Babul Ka Ghar by Shamshad Begum
Chhod Babul Ka Ghar by Shamshad Begum

Chhod Babul Ka Ghar

Shamshad Begum * Track #12 On Babul

Chhod Babul Ka Ghar Lyrics

छोड़ बाबुल का घर मोहे पि' के नगर
आज जाना पड़ा, ओ, आज जाना पड़ा
छोड़ बाबुल का घर मोहे पि' के नगर
आज जाना पड़ा

संग सखियों के बचपन बिताती थी मैं
हाँ, बिताती थी मैं
ब्याह गुड़ियों का हँस-हँस रचाती थी मैं
हाँ, रचाती थी मैं

सब से मुँह मोड़ कर, क्या बताऊँ किधर
दिल लगाना पड़ा, ओ, आज जाना पड़ा
छोड़ बाबुल का घर मोहे पि' के नगर
आज जाना पड़ा

याद मयके की दिन से बुलाए चली
हाँ, बुलाए चली
प्रीत साजन की मन में बसाए चली
हाँ, बसाए चली

याद कर के ये घर रोईं आँखें, मगर
मुस्कुराना पड़ा, ओ, आज जाना पड़ा
छोड़ बाबुल का घर मोहे पि' के नगर
आज जाना पड़ा

पहन उल्फ़त का गहना दुल्हन मैं बनी
हाँ, दुल्हन मैं बनी
डोला आया पिया का, सखी, मैं चली
हाँ, सखी, मैं चली

ये था झूठा नगर, इसलिए छोड़ कर
मोहे जाना पड़ा, ओ, आज जाना पड़ा
छोड़ बाबुल का घर मोहे पि' के नगर
आज जाना पड़ा

छोड़ बाबुल का घर मोहे पि' के नगर
आज जाना पड़ा

Chhod Babul Ka Ghar Q&A

Who wrote Chhod Babul Ka Ghar's ?

Chhod Babul Ka Ghar was written by Shakeel Badayuni.

Who produced Chhod Babul Ka Ghar's ?

Chhod Babul Ka Ghar was produced by Naushad.

When did Shamshad Begum release Chhod Babul Ka Ghar?

Shamshad Begum released Chhod Babul Ka Ghar on Fri Dec 01 1950.

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