[Chorus]
भोर भये पंछी, धुन ये सुनाए
जागो रे गई रितु, फिर नहीं आए
भोर भये पंछी, धुन ये सुनाए
जागो रे गई रितु, फिर नहीं आए
भोर भये
[Verse 1]
पनघट चली गाँव की, हर गली जागी
पनघट चली गाँव की, हर गली जागी
गोरी कहीं और कहीं साँवली जागी
आँचल की छैया, अपने सैंया को बुलाए
आँचल की छैया, अपने सैंया को बुलाए
[Chorus]
भोर भये पंछी, धुन ये सुनाए
जागो रे गई रितु, फिर नहीं आए
भोर भये
[Verse 2]
मैं भी वहीं है, जहाँ मोहन मेरा
मैं भी वहीं है, जहाँ मोहन मेरा
मधुबन मेरा तो यही आँगन मेरा
ये दर न छूटे चाहे, दुनिया छूट जाए
ये दर न छूटे चाहे, दुनिया छूट जाए
[Chorus]
भोर भये पंछी, धुन ये सुनाए
जागो रे गई रितु, फिर नहीं आए
भोर भये पंछी, धुन ये सुनाए
जागो रे गई रितु, फिर नहीं आए
भोर भये
Bhor Bhaye Panchhi Dhun Ye Sunaye was written by Majrooh Sultanpuri.
Bhor Bhaye Panchhi Dhun Ye Sunaye was produced by R.D. Burman.
Lata Mangeshkar released Bhor Bhaye Panchhi Dhun Ye Sunaye on Thu Sep 18 1980.