[SangeetKir & Arpit Bala "Bandar" के बोल]
[Intro]
गली में इतने बंदर कि बंदर गली के हो गए
और बुलाए जब बंदर भगाने वाले भैया तो भैया भगाने वाले बंदर खड़े हो गए सब
हाँ, हाँ, हाँ
जीने (जीने) दो (हाँ) मुझे, जीने (जीने) दो (हाँ) मुझे (मुझे), घूमूँ आवारा
[Chorus]
तो जीने दो मुझे (जीने), घूमूँ मैं आवारा (आवारा)
जीने दो, जीने दो आवारा, जीने दो आवारा
[Verse]
भीड़ से अलग मैं भटकूँ वो सड़क पर (हाँ)
दुनिया अकेली तो अकेला अकेला नहीं मैं अब (हाँ)
नहीं आती नींद अब बिस्तर पर-पर ये गलियाँ खुली-खुली (हाँ) तो आँखें कैसे होंगी बंद अब? (Oh)
मैं जादूगर बंदर, करता कर्तब हर पल, हरक़त पल-भर, जीता हर पल
मैं कल का लौंडा जो आने वाला कल
धंस गया सड़कों पर पैरों में लगा दलदल (हाँ) तो मिट जाऊँ मैं मिट्टी में मैं इतना-इतना herbal
[Chorus]
(जीने) जीने दो मुझे (दो), घूमूँ मैं आवारा (आवारा, आवारा)
(जीने) जीने दो मुझे (दो), घूमूँ मैं आवारा
तो जीने दो मुझे (जीने), घूमूँ मैं आवारा (आवारा, आवारा)
जीने दो मुझे (जीने, जीने) आवारा
[Spoken Word]
दिक्कत इतनी बढ़ गई कि लंगूर बुलाने पड़े
और हमें पता चला the role of immigrants in capturing votebanks
और बंदरों ने भी कहा लंगूरों से कि, "पहले हम यहाँ रहते थे"
और मैं भी भावुक होके सोचा कि, "ये बंदरों की भाषा हमें कैसे समझ आ रही है?"
[Bridge]
मैं धीमे-धीमे इन गलियों में गुम गया
मैं धीमे-धीमे इन गलियों में गुम गया
मैं पीछे देखूँ तो घर का रस्ता भी भूल गया
मैं आगे देखूँ तो घरों की ईंटों में चुन गया (हाँ)
ये जाने, जाने ये, जाने ये सारा ज़माना (हाँ)
वो देखें, भटके को कहते हैं, "कौन है साला?" (हाँ)
मैं धीमे-धीमे इन गलियों में गुम गया
मैं धीमे-धीमे इन गलियों में गुम गया
[Chorus]
जीने दो मुझे (जीने, जीने), घूमूँ मैं आवारा
जीने दो मुझे (जीने, जीने), घूमूँ मैं आवारा
जीने दो मुझे (जीने), घूमूँ मैं आवारा
जीने दो मुझे (जीने), घूमूँ मैं आवारा (आवारा, आवारा)
[Outro]
जीने दो मुझे, घूमूँ आवारा
जीने दो मुझे (जीने दो मुझे), घूमूँ आवारा
जीने दो मुझे (जीने दो मुझे), घूमूँ मैं आवारा
जीने दो मुझे (जीने दो मुझे), घूमूँ मैं आवारा
Bandar was written by Arpit Bala.
Bandar was produced by SangeetKir.
Sangeetkir-and-arpit-bala released Bandar on Fri Oct 15 2021.