“Ajnabi” picks up where ‘Jawab De’ leaves off, as Alif arrives at Laila’s house, carrying the weight of his unanswered questions and a fragile hope that seeing him will revive her feelings. The song blends longing and nostalgia, exploring themes of love, loss, and unrequited emotions. With a soulful...
[Farhan Khan & Udit Narayan "AJNABI" के बोल]
[Intro: Udit Narayan]
जितना बेक़रार हूँ मैं, खुद को बेक़रार कर लो
मेरी धड़कनों को समझो, तुम भी मुझ से प्यार कर लो
[Chorus: Farhan Khan]
अजनबी सा ये एहसास है
बदनसीबी न तू साथ है
शाह की दौलत तू ही थी सनम
अब बस फकीरी न कुछ पास है
अजनबी सा ये एहसास है
बदनसीबी न तू साथ है
शाह की दौलत तू ही थी सनम
अब बस फकीरी न कुछ पास है
[Verse 1: Farhan Khan]
दिलबर को दूर नहीं करते
दिल तोड़ के चूर नई करते
सब कहते पर ना मानता नई
तुम हम को भूल नहीं सकते
ऐसे मजबूर नई करते
पत्थर क्यों फूल से बन गए?
हम तुम को ना मना सके जो
ऐसे तुम रूठ नहीं सकते
तेरे पैरों की धूल, रास्ता तेरा ढूढ़ता रहा
खुशबू तेरी जिस हवा में उस हवा से रास्ता पूछता रहा
तू मेरी रोशनी थी, बिन तेरे ये सूरज डूबता रहा
अँधेरे में फिर आखिरी ख़त तेरा मैं छूता रहा
[Chorus: Farhan Khan]
अजनबी सा ये एहसास है
बदनसीबी न तू साथ है
शाह की दौलत तू ही थी सनम
अब बस फकीरी न कुछ पास है
अजनबी सा ये एहसास है
बदनसीबी न तू साथ है
शाह की दौलत तू ही थी सनम
अब बस फकीरी न कुछ पास है
[Verse 2: Farhan Khan]
तुम मेरी दुआ'ओं में जब रोज़ राही हो
ज़िंदगी में फिर क्यों ना रह सकी तुम?
रोज़ मेरे ख़्वाबों में जब हस राही हो आ के
आँखों से मेरी फिर क्यों बेह रही तुम?
देखो, ऐसे ना सताओ कि सच में मार ही डालो
मैं खुद को तुम पे खुद लुटा दूं जो तुम बस प्यार से मांगो
दाग़ है तुझमें भी, फिर भी तुम मेरे रात का चाँद हो
मंजिल तक ले चलू तुम्हें मैं, तुम मेरा साथ जो मांगो
[Chorus: Farhan Khan]
अजनबी सा ये एहसास है
बदनसीबी न तू साथ है
शाह की दौलत तू ही थी सनम
अब बस फकीरी न कुछ पास है
अजनबी सा ये एहसास है
बदनसीबी न तू साथ है
शाह की दौलत तू ही थी सनम
अब बस फकीरी न कुछ पास है
[Outro: Udit Narayan]
मेरी धड़कनों को समझो, तुम भी मुझ से प्यार कर लो
Ajnabi was written by Farhan Khan.
Ajnabi was produced by DRJ Sohail.
Farhan Khan released Ajnabi on Thu Nov 21 2024.