आजा मैं हवाओं पे बिठा के ले चलूँ
तू ही तो...
तू ही तो मेरी दोस्त है
आजा मैं खलाओं में उठा के ले चलूँ
तू ही तो मेरी दोस्त है
आवाज़ का दरिया हूँ
बहता हूँ मैं नीली रातों में
मैं जागता रहता हूँ
नींद भरी झील सी आँखों में
आवाज़ हूँ मैं
आजा मैं हवाओं पे बिठा के ले चलूँ
तू ही तो...
तू ही तो मेरी दोस्त है
आजा मैं खलाओं में उठा के ले चलूँ
तू ही तो मेरी दोस्त है
रात में चाँदनी कभी ऐसे गुनगुनाती है
सुन ज़रा लगता तुम से आवाज़ मिलाती है
मैं ख़यालों की महक हूँ, गुनगुनाते साज़ पर
हो सके तो मिला ले आवाज़ को ले साज़ पर
आजा मैं हवाओं पे बिठा के ले चलूँ
तू ही तो मेरी दोस्त है
आजा मैं खलाओं में उठा के ले चलूँ
तू ही तो मेरी दोस्त है
आवाज़ का दरिया हूँ
बहता हूँ मैं नीली रातों में
मैं जागता रहता हूँ
नींद भरी झील सी आँखों में
आवाज़ हूँ मैं
ओ कभी देखा है साहिल
जहाँ शाम उतरती है
कहते हैं समंदर से
एक परी गुज़रती है
वो रात की रानी है
सरगम पर चलती है
आजा मैं हवाओं पे बिठा के ले चलूँ
तू ही तो...
तू ही तो मेरा दोस्त है
आजा मैं खलाओं में उठा के ले चलूँ
तू ही तो मेरा दोस्त है
आवाज़ का दरिया हूँ
बहती हूँ मैं नीली रातों में
मैं जागती रहती हूँ
नींद भरी झील सी आँखों में
आवाज़ हूँ मैं
आवाज़ हूँ मैं
Tu Meri Dost Hain was written by Gulzar.
Tu Meri Dost Hain was produced by A.R. Rahman.